Short Hindi Story for Class 4 with Moral नैतिक कहानी
इस लेख में हमारे पास नैतिक शिक्षा के साथ कुछ Short Hindi story for class 4 with moral का संग्रह है। यह कहानियाँ आप अपनी बच्चों को पढ़कर सुना सकते हो। प्रत्येक कहानियाँ से बच्चों को कुछ ना कुछ नैतिक शिक्षा मिलेगी जो लोग और दुनिया को समझने में मदद करेगी। इनमें से कुछ कहानियाँ बहुत छोटी और बुनियादी हैं, जो बच्चों की पढ़ते समय ध्यान इन कहानियों में बनी रहेगी।
Hindi Story for Class 4 with Moral
खरगोश और कछुआ
एक बार की बात है एक जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ रहता था, खरगोश को अपनी गति पर बहुत गर्व था। उसने धीमी गति के लिए कछुए का मजाक उड़ाता था।
एक दिन कछुए ने चुनौती दी कि उसके साथ एक दौड़ प्रतियोगिता हो, खरगोश ने चुनौती स्वीकार कर ली। फिर दौड़ शुरू हुई, प्रतियोगिता में एक कौआ रैफरी था।
खरगोश बहुत तेज दौड़ा, कछुआ बहुत पीछे रह गया था। एक पेड़ के नीचे नीचे विश्राम करने के लिए खरगोश रुक गया, वह सो गया। कछुआ ने उसे पास किया और विजेता पद पर पहुंच गया।
फिर खरगोश जाग गया, वह जितना तेज दौड़ सकता था उतनी तेज दौड़ी। उन्होंने देखा कछुआ पहले से विजेता पद पर था, कछुआ दौड़ जीत लिया था।
नैतिक शिक्षा : घमंड का सर हमेशा नीचा ही होता है, और जो कोशिश करता है वही सफल होता है।
Moral story in hindi for class 4
हिरण और उसके सींग
एक बार की बात है,एक जंगल में हिरण रहती थी. उसी जंगल के किनारे एक नदी थी। एक दिन हिरण नदी में पानी पी रहा था, उसने पानी में उसके सींग का प्रतिबिंब देखा, उसे गर्व महसूस हुआ।
जब उन्होंने पानी में अपने पैरों का प्रतिबिंब देखा, तो उन्हें शर्म महसूस हुई। तभी उसने एक शेर की आवाज सुनी, वह जितनी तेज भाग सकता था भाग गया।
हिरण की पतले पैरों ने उसे भागने में मदद की, उन्होंने महसूस किया कि उनके बदसूरत दिखने वाली पैर उनकी असली साधन है।
फिर जल्द ही उनके खूबसूरत सींग उनके लिए दुश्मन बन गई, वह एक झाड़ी में उजला गया। हिरण वहां से बाहर निकालने की पूरी कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हुआ। फिर कुछ मिनटों बाद शेर वहां पहुंच गया, वह हिरण को अपना भजन बनाया।
नैतिक शिक्षा : सभी चमकती चीज सोना नहीं होती।
Short hindi story for class 4
चालाक लोमड़ी और कौआ
एक बार की बात है, जंगल में एक लोमड़ी रहती थी वह दो दिन से भूखा था, उसे खाने के लिए कुछ भी नहीं मिला। लोमड़ी भोजन की तलाश में जंगल से जा रहा था फिर उसने देखा एक कौआ एक पेड़ की शाखा पर बैठा है, उसकी मुंह में एक रोटी का एक टुकड़ा था।
रोटी का टुकड़ा देखकर लोमड़ी की मुंह में पानी आ गया। और उसने वह रोटी कौआ की मुंह से छीन ना चाहा। फिर लोमड़ी एक जोजोना की बारे में सोच कर पेड़ के पास गई और कौआ की आवाज की बहुत तारीफ की।
फिर लोमड़ी कौआ से एक गीत गाने की प्रार्थना की। कौआ अपनी झूठी तारीफ सुनकर इतना तल्लीन हो गया कि वह भूल ही गया उसकी मुंह में एक रोटी का टुकड़ा है, कौआ गर्व महसूस करने लगा।
से ही कौआ ने गीत गाने के लिए अपना मुंह खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया। लोमड़ी जल्दी से रोटी का टुकड़ा लिया और वहां से भाग गया थोड़ी दूर जाकर लोमड़ी खुशी से अपना भोजन किया। और कौआ दुखी होकर वहां रोने लगा।
नैतिक शिक्षा : कभी भी अगर कोई तुम्हारी जरूरत से ज्यादा तारीफ करेगा तो उनकी बातों पर भरोसा करने से पहले एक बार जरूर सोचना।
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