Moral Stories in Hindi for Class 3 | नैतिक कहानियां

Santu Ghorui
4 min readDec 30, 2020

--

Moral Stories in Hindi for Class 3 :- इस लेख में हमारे पास नैतिक शिक्षा के साथ कुछ Hindi story for class 3 with moral का संग्रह है, यह कहानियाँ आप अपनी बच्चों को पढ़कर सुना सकते हो, प्रत्येक कहानियाँ से बच्चों को कुछ ना कुछ नैतिक शिक्षा मिलेगी जो लोग और दुनिया को समझने में मदद करेगी. इनमें से कुछ कहानियाँ बहुत छोटी और बुनियादी हैं, जो बच्चों की पढ़ते समय ध्यान इन कहानियों में बनी रहेगी.

Top Moral stories in Hindi for class 3

शेर और चूहा

एक जंगल में एक शेर रहता था एक दिन दोपहर को शेर अपना शिकार करने के लिए गया था, जंगल में शेर एक छोटा हिरन दिखा उसे मारकर खाने के बाद एक बड़ी पेड़ के नीचे शेर राजा सो रहा था.

उसी पेड के नजदीक बिल मैं एक चूहा रहता था चूहा बहुत शरारती था, वह बिल में से बाहर निकल कर देखा एक शेर वहां सो रहा है. आनंद करने के लिए चूहा शेर की शरीर पर उछल कूद करने लगा, शरीर पर उछलने की कारण शेर राजा की नींद खराब हो गई थी.

शेर अचानक उठ गया उसने देखा एक चूहा उसकी शरीर पर उछल कूद कर रहा है, शेर को बहुत गुस्सा आया उसने चूहा को अपने पंजों में लिया, मूर्ख चूहे तुम शेर के साथ मजाक कर रहे हो तुम्हें तो मजा दिखाती हूं.

चूहा बहुत डर गई उसने शेर से कहा कृपया मुझे छोड़ दीजिए, मैं आपका उपकार कभी नहीं भूलूंगी मैं आपका मदद करूंगा, शेर हंसकर बोला तुम जैसे छोटा चूहा मेरा क्या मदद कर सकता है, चूहा ने कहा महाराज आपकी कभी किसी संकट आएगा तो मैं आपकी बताऊंगा.

यह बात सुनकर शेर को चूहे पर दया आई और चूहे को छोड़ दिया, कुछ दिन बाद जब चूहा अपने बिल में सो रही थी तब उसने एक शेर की गर्जन सुनी, वह बिल से बाहर निकल के देखा एक शेर शिकारी के जाल में फस गई थी.

ताकतवर शेर जाल से बाहर निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, शेर कुछ भी करके जाल से निकल नहीं पा रहा था.

तब चूहा शेर को बचाने के लिए तुरंत शेर के पास गया और अपनी दांतो से मजबूत जाल को कटकर शेर को मुक्त किया, शेर चूहे को धन्यवाद दिया फिर दुनो जंगल में चला गया.

नैतिक शिक्षा :- कभी भी किसी को कम मत समझे.

Hindi story for class 3 with pictures

ईमानदार लकड़हारा

एक बार की बात है गांव में एक लकड़हारा रहता था, वह रोज लकड़ियां काटकर शहर में बेचने जाता था लकड़ियां बेचकर जो पैसा आता था उन्हें पैसों से वह अपनी परिबार की पेट चलाता था.

वह रोज लकड़ियां काटने के लिए जंगल में जाता था, एक दिन लकड़हारा एक पेड़ पे चढ़कर लकड़ियां काट रहा था अचानक उसकी कुल्हाड़ी हाथ से फिसल कर नदी में गिर गया.

लकड़हारा अपने कुल्हाड़ी को बहुत ढूंढा फिर भी उसे कुल्हाड़ी नहीं मिला, लकड़हारा दुखी होकर जोर जोर से रोने लगा फिर अचानक नदी में पानी की देवता प्रकट हुए.

देवता लकड़हारा से पूछा, क्या बात है तुम क्यों रो रही हो? लकड़हारा ने देवता को सारी बात बताई, देवता लकड़हारे को कहां तुम यही रुको मैं तुम्हारी कुल्हाड़ी ढूंढ कर लाती हूं.

फिर देवता पानी में डुबकी लगाई और एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर आई, लकड़हारा सोने की कुल्हाड़ी देख कर कहा नहीं-नहीं देव यह कुल्हाड़ी तो मेरा नहीं है यह तो सोने का है.

फिर एक बार देवता पानी में डुबकी लगाई और एक दूसरी कुल्हाड़ी लेकर आई, लकड़हारा ने उसे भी देख कर कहा नहीं-नहीं देव यह कुल्हाड़ी मेरा नहीं है, यह तो चांदी का है और मेरा तो लोहे की कुल्हाड़ी था.

फिर देवता ने तीसरी बार पानी में डुबकी लगाई और एक लोहे की कुल्हाड़ी लेकर आई, लकड़हारा कुल्हाड़ी को देख कर कहा यही तो है मेरी लोहे का कुल्हाड़ी, लकड़हारा ने देवता को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया फिर अपनी कुल्हाड़ी लेकर घर जा रहा था, देवता ने उसे रुका और कहां तुम बहुत इमानदार आदमी हो.

हमें तुम्हारी इमानदारी देख कर खुशी हुई मैं तुम्हें यह तीनों कुल्हाड़ी देती हूं तुम इसे तीनों कुल्हाड़ी को अपने साथ घर लेकर जाओ, लकड़हारा तीनों कुल्हाड़ी लेकर खुशी से अपना घर गया.

नैतिक शिक्षा :- ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है.

Story in Hindi for class 3 with moral

दूधवाली और उसकी बलटी

कुछ समय पहले की बात है एक गांव में एक दूधवाली उसकी मां के साथ रहती थी उनका एक गाय थी वह रोज बलटी भर के दूध देती थी, दूधवाली उसे शहर में बेचकर जो पैसा आती थी उंही पैसा से उनकी घर चलती थी.

एक दिन उसकी मां ने कहा आज दूध बेचकर जो पैसा आएगी तुम उस पैसे से अपने लिए कुछ खरीदना, दूधवाली अपने सर पर दूध की बलटी लेकर दूध बेचने के लिए शहर की ओर गया.

उसने जाते-जाते सोचा आज दूध बेचकर जो पैसा होगी उससे में चार मुर्गी खड़ीदूंगी, वह मुर्गी रोज अंडे देगी अंडे बाजार में बेच के पैसा आएगी उन पैसों से मैं और भी मुर्गी खड़ीदूंगी.

कुछ दिन बाद मेरे पास तो बहुत सारा मुर्गी होगी, मैं तो और दूध बेचने नहीं जाऊंगी मैं मुर्गी और अंडे की business करूंगी, दूध की बलटी सर पर चढ़ा चढ़ा के मेरा बाल खराब हो गया है.

सोचते सोचते दूधवाली ने अपना सर थोड़ा नीचे किया तभी दूध की बलटी सर से नीचे गिरा, सारा दूध रास्ते में बह गया उसकी सब सपना टूट गई थी वह रास्ते में बैठ कर रोने लगी.

नैतिक शिक्षा :- जब तक कुछ हाथ में नहीं हो तब तक उसकी बारे में अंदाजा लगाना नहीं.

Read more Top 10 Moral Stories in Hindi for class 3

--

--

Santu Ghorui
Santu Ghorui

Written by Santu Ghorui

I'm Santu Ghorui, i am a Blogger. we are created different kind of content every day.

No responses yet